संदर्भ
ऑनलाइन सूचना और डेटाबेस एक्सेस या पुनःप्राप्ति (OIDAR) सेवाएँ डिजिटल अर्थव्यवस्था में तेजी से महत्वपूर्ण हो गई हैं। इन सेवाओं में इंटरनेट के माध्यम से प्रदान की जाने वाली कई गतिविधियाँ शामिल हैं, जैसे डिजिटल सामग्री की आपूर्ति, ऑनलाइन गेमिंग और क्लाउड सेवाएँ। UPSC CSE पाठ्यक्रम के तहत डिजिटल अर्थव्यवस्था, कराधान, और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित विषयों में OIDAR सेवाओं को समझना आवश्यक है।
OIDAR सेवाओं की परिभाषा और दायरा
परिभाषा: OIDAR सेवाएँ इंटरनेट के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं को संदर्भित करती हैं जिन्हें प्राप्तकर्ता द्वारा ऑनलाइन प्राप्त किया जाता है, जिसमें आपूर्तिकर्ता के साथ कोई भौतिक संपर्क नहीं होता।
उदाहरण:
- ई-पुस्तकों को डाउनलोड करना
- ऑनलाइन गेमिंग
- फिल्में और संगीत स्ट्रीमिंग
- क्लाउड स्टोरेज सेवाएँ
- ऑनलाइन विज्ञापन
भारत में नियामक ढांचा
GST प्रावधान: वस्तु और सेवा कर (GST) प्रणाली के तहत, OIDAR सेवाओं पर कर लगाया जाता है। एकीकृत GST (IGST) अधिनियम OIDAR सेवाओं को परिभाषित करता है और कर के निहितार्थों को रेखांकित करता है।
आपूर्ति का स्थान: OIDAR सेवाओं के लिए आपूर्ति का स्थान प्राप्तकर्ता का स्थान होता है। यदि प्राप्तकर्ता भारत में है, तो सेवा IGST के तहत कर योग्य होती है।
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म: जब आपूर्तिकर्ता भारत के बाहर स्थित होता है और प्राप्तकर्ता भारत में कोई व्यावसायिक इकाई है, तो प्राप्तकर्ता को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत GST का भुगतान करना होता है।
हाल के विकास और सरकारी पहल
सरल पंजीकरण: सरकार ने विदेशी OIDAR सेवा प्रदाताओं के लिए GST नियमों का पालन सुनिश्चित करने हेतु एक सरल पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की है।
नीति में बदलाव: केंद्रीय बजट 2023 ने OIDAR सेवाओं के दायरे का विस्तार किया है, पिछले छूटों को हटाकर यह सुनिश्चित किया है कि भारतीय उपभोक्ताओं को प्रदान की जाने वाली सभी डिजिटल सेवाओं पर कर लगाया जाए।
राजस्व सृजन: सरकार को उम्मीद है कि OIDAR सेवाओं पर कर लगाने से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए लगभग ₹2,000 करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।
चुनौतियाँ और समस्याएँ
अनुपालन और प्रवर्तन: विदेशी सेवा प्रदाताओं से अनुपालन सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह सेवाएँ डिजिटल होती हैं और विभिन्न न्यायक्षेत्रों से जुड़ी होती हैं।
कर चोरी: विदेशी इकाइयों द्वारा भारतीय कर कानूनों के तहत पंजीकरण न करने से कर चोरी का जोखिम रहता है।
उपभोक्ता जागरूकता: भारतीय उपभोक्ता विदेशी डिजिटल सेवाओं के उपयोग से जुड़े कर निहितार्थों से पूरी तरह अवगत नहीं हो सकते।
उदाहरण और केस स्टडीज
उदाहरण 1: GST अधिकारियों ने प्रमुख डिजिटल कंपनियों जैसे फेसबुक, गूगल, नेटफ्लिक्स, और स्पॉटिफाई को नए GST नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी किए।
उदाहरण 2: रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म की शुरुआत ने भारतीय व्यवसायों को विदेशी OIDAR सेवाओं के उपयोग के दौरान अपने अनुपालन दायित्वों के प्रति अधिक सतर्क बना दिया है।
वर्तमान घटनाओं का संबंध
डिजिटल अर्थव्यवस्था की वृद्धि: भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था की तेजी से वृद्धि ने OIDAR सेवाओं की प्रासंगिकता को बढ़ा दिया है। सरकार का डिजिटल बुनियादी ढांचे और सेवाओं पर ध्यान वैश्विक डिजिटलाइजेशन की प्रवृत्तियों के अनुरूप है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार: OIDAR सेवाओं पर कराधान का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि विदेशी सेवा प्रदाताओं को भारतीय उपभोक्ताओं को सेवाएँ प्रदान करने पर भारतीय कर कानूनों का पालन करना पड़ता है।
निष्कर्ष
OIDAR सेवाएँ आधुनिक डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती हैं। भारत में नियामक ढांचा, विशेष रूप से GST प्रणाली के तहत, यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि इन सेवाओं पर सही तरीके से कर लगाया जाए। अनुपालन और प्रवर्तन में चुनौतियों के बावजूद, सरकार की पहलों और नीतिगत परिवर्तनों से डिजिटल सेवाओं के लिए एक मजबूत और पारदर्शी कराधान प्रणाली की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। नीति निर्माताओं, व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए OIDAR सेवाओं और उनके निहितार्थों को समझना महत्वपूर्ण है।