परिचय: इथेनॉल (या एथिल अल्कोहल) एक बायोफ्यूल है जो शर्करा युक्त पौधों जैसे गन्ना, मक्का और चावल के किण्वन से प्राप्त होता है। इसे व्यापक रूप से ईंधन में मिलाने के लिए उपयोग किया जाता है ताकि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम किया जा सके और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को घटाया जा सके। भारत में सरकार इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाने को बढ़ावा दे रही है ताकि ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत किया जा सके, आयात निर्भरता कम की जा सके, और कृषि क्षेत्र को सशक्त किया जा सके।
पर्यावरणीय लाभ:
- उत्सर्जन में कमी: इथेनॉल पेट्रोल की तुलना में अधिक स्वच्छ रूप से जलता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होता है।
- सतत ईंधन: इथेनॉल नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त होता है, जो जीवाश्म ईंधनों का एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है।
आर्थिक प्रभाव:
- कृषि समर्थन: इथेनॉल का उत्पादन अतिरिक्त फसलों के लिए एक बाजार प्रदान करता है, जिससे किसानों को लाभ मिलता है।
- रोजगार सृजन: इथेनॉल उद्योग कृषि, विनिर्माण, और वितरण क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न करता है।
ऊर्जा सुरक्षा:
- आयात निर्भरता में कमी: इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाने से भारत की आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता घटती है।
- ऊर्जा विविधीकरण: भारत के ऊर्जा मिश्रण में इथेनॉल को शामिल करने से देश की समग्र ऊर्जा सुरक्षा बढ़ती है।
सरकारी पहल:
- इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम: यह कार्यक्रम पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को प्रोत्साहित करता है ताकि जीवाश्म ईंधनों के उपयोग को कम किया जा सके।
- राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति: सरकार का लक्ष्य 2025 तक 20% और 2030 तक 25% इथेनॉल मिश्रण हासिल करना है।
- प्रधान मंत्री जी-वन योजना: यह योजना लिग्नोसेल्यूलोसिक बायोमास का उपयोग करके बायो-इथेनॉल परियोजनाओं का समर्थन करती है।
चुनौतियाँ और समाधान:
- जल उपयोग: गन्ने से इथेनॉल उत्पादन में मक्का या चावल की तुलना में कम पानी की आवश्यकता होती है।
- नीति समायोजन: सरकार इथेनॉल की कीमतों में वृद्धि करने और इथेनॉल क्षेत्र को समर्थन देने के लिए चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य को समायोजित करने के तरीकों की खोज कर रही है।
उदाहरण:
- जल दक्षता अध्ययन: एक सरकारी अध्ययन के अनुसार, गन्ने से इथेनॉल उत्पादन के लिए प्रति लीटर इथेनॉल 3,630 लीटर पानी की खपत होती है, जबकि मक्का के लिए 4,670 लीटर और चावल के लिए 10,790 लीटर पानी लगता है।
- मिश्रण लक्ष्य: भारत का लक्ष्य 2025 तक 20% और 2030 तक 25% इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करना है।
- अमेरिका में आर्थिक प्रभाव: 2023 में, अमेरिका में इथेनॉल उद्योग ने 72,463 प्रत्यक्ष और 3,22,002 अप्रत्यक्ष नौकरियाँ पैदा कीं।
निष्कर्ष: इथेनॉल भारत की नवीकरणीय ऊर्जा रणनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे पर्यावरणीय, आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा लाभ मिलते हैं। सरकारी नीतियों और पहलों के माध्यम से इथेनॉल उद्योग का विकास जारी है, जिससे किसानों को समर्थन मिलता है, रोजगार सृजित होते हैं और भारत की जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम होती है।